भारतीय गणतन्त्र दिवस – Republic day of India हम भारतवासियों के लिए बहुत बड़े त्योहार के जैसा होता है। इस दिन का हमारे लिए एक विशेष महत्व है। इस वर्ष, हम अपना 72वा गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए इस पोस्ट के माध्यम से हम सब के लिए कुछ Republic day 2022 के लिए कुछ बधाई संदेश लेकर आया हूँ।
Republic day 2022 Quotes in Hindi
इतना सुन्दर जीवन दिया हमें
कई लोगो की कुर्बानी ने
फैशन ने अंधा कर दिया हमें
जोश भरी जवानी में
क्या समझेंगे हम सौगाद मिले इस आजादी का
कभी सहा नहीं दर्द हमने गुलामी का!!
वीरों के बलिदान की कहानी हैं ये
माँ के कुर्बान लालो की निशानी हैं ये
यूँ लड़ लड़ कर इसे तबाह ना करना
देश हैं कीमती
उसे धर्म के नाम पर नीलाम ना करना!!
कोई हस्ती कोई मस्ती कोई चाह पे मरता है
कोई नफरत कोई मोहब्बत कोई लगाव पे मरता है
यह देश है उन दीवानों का यहां
हर बंदा अपने हिंदुस्तान पे मरता!!

मुकुट हिमालय हृदय में तिरंगा
आँचल में गंगा लायी है
सब पुण्य, कला और रत्न लुटाने
देखो भारत माता आयी है…..
भारत माता की जय…
Happy Republic Day 2022

आओ झुक कर सलाम करें उनको
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून
जो देश के काम आता है
Happy Republic Day 2022

आज सलाम है उन वीरों को
जिनके कारण ये दिन आता है
वो माँ भी खुशनसीब होती है
बलिदान जिसके बच्चों का देश के काम आता है
Happy Republic Day 2022
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है
Happy Republic Day 2022
चलो फिर से खुद को जगाते हैं
अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से
ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं
Happy Republic Day 2022
ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना
Happy Republic Day 2022
नहीं सिर्फ जशन मनाना,
नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर.
यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नहीं,
ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना
Happy Republic Day 2022
Republic Day Speech in Hindi
मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो भारत में सभी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, परन्तु गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस पर्व का महत्व इसलिये भी बढ जाता है क्योंकि इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।की गाथाओं से भारतीय इतिहास के पृष्ठ भरे हुए हैं। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में भारत माता के वीर सपूतों ने, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दिया था। ऐसे ही महान देशभक्तों के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरूप हमारा देश, गणतान्त्रिक देश हो सका।
गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं? मित्रों, जब अंग्रेज सरकार की मंशा भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाने की नजर नही आ रही थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्णस्वराज्य की शपथ ली। पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभकतों ने अपने-अपने तरीके से आजादी के लिये कमर कस ली थी। एकता में बल है, की भावना को चरितार्थ करती विचारधारा में अंग्रेजों को पिछे हटना पङा। अंतोगत्वा 1947 को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनायेंगे।
26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास में इसलिये भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी।
डा. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनाया गया भारतीय संविधान 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान था जो और भी विस्तृत हो चुका है. 26 जनवरी, 1950 को संविधान के लागू होने के साथ सबसे पहले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला 5 मील की दूरी पर स्थित इर्विन स्टेडियम पहुंचा जहां उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. और तब से ही इस दिन को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है. किसी भी देश के नागरिक के लिए उसका संविधान उसे जीने और समाज में रहने की आजादी देता है. इस तरह गणतंत्र दिवस और संविधान की उपलब्धता काफी अधिक है.
गणतंत्र दिवस की परेड आज विश्व भर में भारत की पहचान बनकर उभरी है. गणतंत्र दिवस को भारत की शक्ति का असली परिचय मिलता है. सेना, सशस्त्र बलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सुसज्जित यह परेड आज भारत का गौरव गान करती है. गणतंत्र दिवस की परेड की खूबसूरती और उसका अहमियत को शब्दों में लिख पाना बेहद मुश्किल है.